२०१४ के सभी चुनावी भाषण में, मोदी काँग्रेस सरकार के खिलाफ गरजते थे, ‘‘प्याज के दाम इतने बढ गये है कि, आसमाँ छू रहे है… इसलिए, प्याज को बँक के लाॅकर में रखना पडेगा… मोदीजी, अब तो हालात ये है कि, प्याज को, आप दोनो गुज्जू बेपारियों की राज में, हम बँक में भी नहीं रख सकते… आपके और अमित शहा के गुज्जू लोग, सब बँकों को ही लूट रहे है… रखे, तो कहा रखे प्याज, बोलो, मोदीजी ???
ये भी कह रहे थे आप कि, पाकिस्तान, बांग्लादेश का रुपया नही गिरता, भारत का ही क्यू गिरता है? अब तुम्हारी राज में रुपया जब, इतना धाराशायी हुआ है कि, जिनको तुमने राजनैतिक विजनवास में भेजा है उन, लालकृष्ण अडवानीजी की उम्र का रुपया स्पर्धक बन चुका है…. ‘‘बोलो, क्या कहती है अब, तुम्हारी ‘मंकी बात’?’’
तुम्हारी योगी नामके भोगी सरकार के रहते हुए, हररोज दिनदहाडे पचास से भी जादा (हररोज ५२) महिलाओंपर बलात्कार हो रहे है… अखिलेख यादव सरकार के कार्यकाल से करीबन सात गुना जादा मात्रा… ‘‘बोलो, क्या कहती है तुम्हारी ‘मंकी बात’?’’
अच्छे दिनो का सरासर झूठा, भोले लोगोंकी आँखो में धूल झोंकनेवाला वादा करके आये थे आप, GDP गिर गया है भारत का… पाकिस्तान (५.२%), बांग्लादेश (८.२%) से भी नीचे… सिर्फ ४.५% और वो भी आकडा एक ‘फरेब’ है, ऐसे तुम्हारे अर्थतज्ञ रहे अरविंद सुब्रम्हण्यम कह रहे है… सही तो पुरा २% भी शायद नही होगा, तभी तो इतनी बेरोजगारी तथा निम्न रोजगारी बढ रही है…. ‘‘बोलो, क्या कहती है तुम्हारी ‘मंकी बात’?’’
दुनिया का सब से बडा ‘पुतला’ और सब से बेहतरिन ‘राममंदिर’ क्या चीज है, मोदीजी? बनाना ही था, तो बनवाते दुनिया का सब से बडा सरकारी अस्पताल और महाविद्यालय…. कभी सोचा, कभी बनाया, कुछ ऐसा ‘कम से कम’ आपके गुजरात के कार्यकाल में? ना पुंजीपतीयों के फायदे के वास्ते ‘निजीकरण’ की (privatisation)… ना किसी पुतले, मंदिर-मस्जिद जैसे चीजों की अपनी कोई अहमियत होती है… होती है मगर, ‘मानवता’ की सेवा की! ….‘‘बोलो क्या कहती है तुम्हारी ‘मंकी बात’?’’
.…मोदीजी, आपका चुनावी निशान ‘कमल का फूल’ होगा; मगर, तुम्हारे ‘अंध-भक्तों’ की तरह, हम ‘‘कमल के फूल्स्’… याने, उनकी तरह ‘महामूरख’ नहीं है!!!
‘‘….चुप्पी तोडो, बोलो, क्या कहती है तुम्हारी ‘मंकी बात’???’’
…..राजन राजे (अध्यक्ष: धर्मराज्य पक्ष)