“उधमपूर, गुरुदासपूर, पठाणकोट नंतर ‘उरी-हल्ला’… हा, भारताच्या ऊरी झालेला नापाक सुरीहल्ला!
भित्रट व आत्यंतिक स्वार्थी अशी दलाल-व्यापारीवृत्ती सत्तेत, म्हणून थेट संरक्षणतळांवरच सातत्याने हल्ला!!!”
५६” के ‘चुनावी’ सीनेवालों, अबतक ५६ फौजी तो कब के ‘शहीद’ हो चुके…. अब क्या ५६ सौ शहींदों की ‘शहादत’ का इंतजार है???
“वो एक को मारेंगे…. तो हम पाँच को मार गिरायेंगे”….. क्या आपने ‘मक्खियाँ’ मारने का चुनावी ‘वादा’ किया था, जो हम गलत समझ बैठे आपको ‘भाषणवीरों’???
“नजर झुकाकर नहीं, नजर दिखाकर नहीं…. नजर से नजर मिलाकर काम करने का ‘वादा’ करनेवालों”, हमारे अनगिनत फौजियों की नापाक आतंकवादियों से लडते लडते आँखे मिट रही है…. मगर, सत्ता और मत्ता में धुंद, आपकी बंद आँखे खुल नही रही है… ऐसा क्यों और कबतक???”
सोचो और समझो देशवासियों, ……”जिस देश का राजा ‘बेपारी’…. उस देश की प्रजा ‘भिखारी’ और फौज ‘बेचारी’ !!!
धन्यवाद…..
जय महाराष्ट्र । जय हिंद ।।
…..राजन राजे (अध्यक्ष: धर्मराज्य पक्ष)